लेखनी प्रतियोगिता -16-Nov-2022 क्षमादान
शीर्षक- क्षमादान
क्षमादान एक ऐसा आभूषण,
जिसको करें सभी धारण।
स्वभाव में रहती शालीनता,
व्यवहार में बनी रहती कुशलता।
क्षमा जब भी हम मांगेते,
कुछ सीख कर आगे बढ़ते।
जब देते किसी को क्षमादान,
उनके नजरों में बन जाते महान।
क्षमा मांगने से अहंकार ढलता,
क्षमा करने से संस्कार बनता।
क्षमा होता अस्त्र-शस्त्र के समान,
रिश्तो में पैदा करता लगाव।
क्षमादान प्रेम का है परिधान,
विश्वास का कहलाता विधान।
क्षमा सज्जन व्यक्ति का है सम्मान,
क्षमा नफरत का करती है निदान।
क्रोध कर देती जीवन का सर्वनाश,
क्षमा करती जीवन की एक नई शुरुआत।
क्षमादान के बराबर नहीं होता कोई तप,
क्रोध को त्यागने जैसा कोई नहीं जप।
बल ,शक्ति से नहीं कर सकता हरण,
लेकिन क्षमादान के बल से कर लेता सब को वश।
क्षमादान है ऐसा धन,
जिससे उज्जवल होता मन।
जब हो जाए गलतियां,
क्षमा मांगने से कभी ना हिचकिचाना।
क्षमा लेने में क्षमा करने में,
करो अपने पर गर्व महसूस।
क्षमा करना भी है कर्म,
वैदिक में है सबसे बड़ा धर्म।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Haaya meer
17-Nov-2022 04:07 PM
Amazing
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Sachin dev
17-Nov-2022 11:44 AM
Well done ✅
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Punam verma
17-Nov-2022 08:31 AM
Very nice
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